छत्तीसगढ़ चुनाव :
अब भी वक्त है कल भी वक्त था चुनाव आज भी कल भी होगा बदलते है चेहरे नही बदली तो तस्वीर ....देश ....की ...भुखमरी.. बेरोजगारी बदहाली आंतकवाद नक्सलवाद ..लोग पिसते रहे वोट देते रहे ..कथरी ओढ़ कर घी खाने की आदत लोग देखते रहे ..बिल्डिंग भी बने कांच से झकाझक इमारते ...तलब तक को पाटकर रिहायशी आवास बने ...